
रायगढ़: राष्ट्रीय पनिका समाज विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्रीराम दास के नेतृत्व में और सदस्यों के उपस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार से पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग की है। इस संबंध में परिषद ने राज्य के मुख्यमंत्री और ओपी चौधरी वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ शासन एवं सांसद राधेश्याम राठिया को पत्र दिया गया है।

पत्र में कहा गया है कि वर्ष 1971 से पनिका जाति अनुसूचित जनजाति का दर्जा पाने के लिए संघर्ष कर रही है। इस संबंध में कई बार सरकार से मांग की गई है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है।
परिषद का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने वर्ष 2006 में पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा, 15वीं लोकसभा की स्थायी समिति की 23वीं रिपोर्ट में भी पनिका जाति को आदिवासी में शामिल करने की सिफारिश की गई थी।

परिषद ने यह भी कहा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में 3 मार्च 2023 को एक अशासकीय संकल्प प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग की गई थी। यह प्रस्ताव भारत सरकार के अनुसूचित जनजाति मंत्रालय को भेजा गया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
परिषद ने मांग की है कि सरकार इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करते हुए पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे। परिषद का मानना है कि इससे पनिका समुदाय के लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनने में मदद मिलेगी।संस्थापक अध्यक्ष लोकनाथ महंत,
प्रदेश अध्यक्ष श्रीराम दास महंत,
राष्ट्रीय उपअध्यक्ष राजेंद्र महंत,
जिला अध्यक्ष कमलेश महंत,
सह संस्थापक मेहत्तर दास महंत
धीरज दास महंत, वल्लाभ दास महंत, राजेश दास महंत एव साथी गण उपस्थित रहे।
ओपी चौधरी वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही अमित शाह जी गृहमंत्री को पत्र लिखेंगे।