**घरघोड़ा एसडीएम के ट्रांसफर विवाद पर गरमाया मामला, डिप्टी सीएम से हुई शिकायत**
*श्रमजीवी पत्रकार संघ ने त्वरित कार्यवाही की मांग की*
**घरघोड़ा:** घरघोड़ा में एसडीएम के स्थानांतरण के बाद भी पद न छोड़ने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। इस मुद्दे पर सांसद राधेश्याम राठिया से शिकायत के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके बाद अब श्रमजीवी पत्रकार संघ ने डिप्टी सीएम अरुण साव से शिकायत की है। प्रशासनिक नियमों की अवहेलना और अफसरशाही की धौंस का प्रतीक बने इस मामले में एसडीएम महीनों से पद पर बने हुए हैं, जबकि उनका स्थानांतरण आदेश कई महीने पहले ही जारी हो चुका था। जनता और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद एसडीएम का घरघोड़ा में रहना सरकारी नियमों का उल्लंघन है। **सांसद से पहले की गई थी शिकायत, पर नतीजा शून्य**
श्रमजीवी पत्रकार संघ ने सांसद राधेश्याम राठिया को पहले ज्ञापन सौंपा था, जिसमें मांग की गई थी कि एसडीएम को तुरंत कार्यमुक्त कर उनके स्थानांतरण वाले स्थान पर भेजा जाए। दो हफ्ते बीतने के बाद भी इस ज्ञापन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई, जिससे पत्रकार संघ और स्थानीय जनता में रोष बढ़ गया। इसके बाद श्रमजीवी पत्रकार संघ ने डिप्टी सीएम को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए शिकायत सौंपी है, जिससे सभी की निगाहें अब प्रशासनिक स्तर पर होने वाली कार्यवाही पर टिकी हैं।
**प्रशासनिक अनदेखी और जनता का आक्रोश**
यह विवाद केवल एक अधिकारी के स्थानांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रशासनिक नियमों और शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठते सवालों का भी प्रतीक है। श्रमजीवी पत्रकार संघ और जनता का मानना है कि अगर स्थानांतरण के आदेश का पालन नहीं हो सकता, तो शासन पर जनता का विश्वास कैसे बनेगा? यह प्रशासनिक धौंस और नियमों की अनदेखी का एक बड़ा उदाहरण बनता जा रहा है।
अब देखना यह है कि डिप्टी सीएम की शिकायत पर कब और क्या कदम उठाए जाते हैं। क्या यह मामला प्रशासनिक सख्ती से निपटाया जाएगा, या फिर यह भी अन्य शिकायतों की तरह अनदेखा कर दिया जाएगा?