श्रीमद् भागवत कथा का छठा दिन रुक्मणी विवाह में श्रद्धालुओं ने भाव विभोर होकर झूम उठे।
बरमकेला: ग्राम पंचायत धूमाभाठा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन रुक्मणी विवाह के भव्य आयोजन ने सभी का मन मोह लिया। बच्चों द्वारा निभाए गए रुक्मणी और कृष्ण के किरदारों ने कथा को और भी जीवंत बना दिया। इतना ही नहीं, भोलेनाथ और माता पार्वती के रूप में सज्जित बच्चों ने भी दर्शकों का दिल जीत लिया।
परम पूज्य दीदी प्रज्ञा विष्णु प्रिया जी के मधुर भजनों पर सभी श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूम उठे। इन भजनों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
कथा में महिलाओं की भारी उपस्थिति देखने को मिली। छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध होली होली और राधे-राधे के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
दीदी प्रज्ञा विष्णु प्रिया जी के मधुर प्रवचनों ने हजारों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान से भर दिया। उनके प्रवचन सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।
रुक्मणी विवाह का विशेष आकर्षण
रुक्मणी विवाह का आयोजन कथा का सबसे बड़ा आकर्षण रहा। बच्चों ने इस पौराणिक घटना को बखूबी निभाया और दर्शकों को भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी के प्रेम कहानी में खोने पर मजबूर कर दिया।
भोलेनाथ और माता पार्वती की झांकी
भोलेनाथ और माता पार्वती की झांकी ने भी सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों ने इन देवताओं के रूप में बेहद खूबसूरत लग रहे थे।
श्रद्धालु महिलाओं की भारी उपस्थिति रही
कथा में महिलाओं की भारी उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि धर्म और आध्यात्म में महिलाओं की गहरी रुचि है।
दीदी प्रज्ञा विष्णु प्रिया जी के प्रवचन
दीदी प्रज्ञा विष्णु प्रिया जी के प्रवचन इतने मधुर और प्रभावशाली थे कि लोग उनके मुंह से निकले हर शब्द को गौर से सुन रहे थे।
धूमाभांठा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रुक्मणी विवाह के आयोजन ने सभी को भाव विभोर कर दिया। इस आयोजन ने धर्म और संस्कृति को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।