नवा खाई पर्व: प्रदेशवासियों के लिए मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद – कैलाश नायक
सारंगढ़/नवा खाई के पावन अवसर पर कैलाश नायक युवा नेता भाजपा ने प्रदेश एवं क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं दीं, और मां अन्नपूर्णा से प्रार्थना की कि वे किसानों को नई फसल की उन्नति और समृद्धि के लिए आशीर्वाद दें। नवा खाई का पर्व छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में बड़े उल्लास और उमंग के साथ पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मनाया जाता है। यह पर्व नए धान की फसल के आने की खुशी में मनाया जाता है, जो किसानों के जीवन में विशेष महत्व रखता है। इस दिन किसान अपने खेतों से नई फसल की धान की बाली लाते हैं और उसे अन्ना में डालकर पूरे परिवार के साथ भगवान से प्रार्थना करते हैं कि फसल अच्छी हो और समृद्धि बनी रहे। इस प्रक्रिया को ‘नवा खाई’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है नई फसल का स्वागत। यह त्यौहार कृषि प्रधान समाज की संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है।
नवा खाई का पर्व न केवल एक धार्मिक आस्था का विषय है, बल्कि यह किसान समुदाय के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना है। इसे कृषि उत्पादन के एक नए चरण की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है। इस दिन, गांव के लोग अपने रिश्तेदारों और मित्रों के साथ मिलकर पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं और एक साथ भोजन करके खुशियों का आदान-प्रदान करते हैं। इस तरह नवा खाई का पर्व लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करने का काम करता है।
कैलाश नायक ने इस पर्व की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि नवा खाई न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर भी है। उन्होंने कहा कि मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से प्रदेश के किसान नई फसल की उन्नति और समृद्धि बनाए रखें, यही उनकी कामना है। इस पर्व पर नायक ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपनी परंपराओं को संजोएं और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।