कोरबाछत्तीसगढ़

SECL कर्मचारी दीनदयाल गुप्ता पर नया खुलासा — “पिता का नाम भी समारू बताकर नौकरी लेने का आरोप”

कोरबा। SECL के पंप ऑपरेटर दीनदयाल गुप्ता पर नौकरी के नाम पर ठगी और दुष्कर्म की कोशिश जैसे गंभीर आरोपों के बाद अब एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। पीड़िता द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज़ों और ग्रामवासियों से मिली जानकारी के अनुसार, दीनदयाल गुप्ता ने SECL में नौकरी लेने के लिए अपने पिता का नाम समारू बताया था — जबकि इसी नाम से ग्राम चैनपुर, दीपिका निवासी समारू के तीन वास्तविक पुत्र पहले से मौजूद हैं।


ग्रामीणों का दावा — असली समारू के तीन पुत्र: गेंदराम, संतराम और बहोरन


पीड़िता द्वारा प्रस्तुत आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज़ों के अनुसार:

समारू ग्राम चैनपुर, दीपिका (कोरबा) निवासी हैं।
उनके तीन पुत्र हैं —

गेंदराम
संतराम
बहोरन

तीनों का एक ही आधार नंबर श्रेणी में मिलना और दस्तावेज़ों में एक जैसा पता मिलने से स्पष्ट है कि समारू एक ही व्यक्ति हैं और उनके केवल तीन बेटे हैं।


दीनदयाल गुप्ता भी बता रहा अपने पिता का नाम: “समारू”


दूसरी ओर, SECL का आरोपित कर्मचारी दीनदयाल गुप्ता, जिसने ठगी और शोषण के आरोपों पर स्वयं एक लिखित बयान पुलिस को दिया था, उसने भी अपने पिता का नाम समारू लिखा है।

उसके द्वारा पुलिस को दिए गए बयान (25 अप्रैल 2025) की प्रति में स्पष्ट लिखा है:

“दीनदयाल पिता समारू… SECL बलगी खदान में पंप ऑपरेटर”

यानी पिता का नाम वही — समारू।


दो ‘समारू’ या फर्जी दावा? कई सवाल खड़े


अब मामला उलझ गया है।
ग्राम चैनपुर दीपिका के गेंदराम ने बयान दिया है कि मेरे समारू के तीन ही बेटे हैं।
दीनदयाल गुप्ता का नाम इनमें कहीं नहीं आता।

यह गंभीर सवाल उठता है:


क्या SECL कर्मचारी दीनदयाल गुप्ता ने नौकरी पाने के लिए फर्जी पिता का नाम उपयोग किया?



क्या SECL सेवा पुस्तिका (Service Book) में भी यही नाम दर्ज है?

क्या यह नियुक्ति फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर हुई?

यदि यह आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो यह SECL में नियुक्ति धोखाधड़ी (Employment Fraud) का बड़ा मामला बन सकता है।


पीड़िता का दावा — “दीनदयाल ने झूठी पहचान बनाकर नौकरी पाई, अब उसी पहचान का दुरुपयोग कर रहा है”


पीड़िता ने IG बिलासपुर और SP कोरबा से मुलाकात के दौरान यह अतिरिक्त आरोप लगाया कि:

दीनदयाल गुप्ता ने फर्जी परिवारिक पहचान के आधार पर नौकरी ली
अब उसी पहचान और SECL कर्मचारी होने के प्रभाव से

पीड़िता को धमका रहा है।
केस वापस लेने का दबाव बना रहा है।
स्थानीय पुलिसकर्मियों से सांठगांठ का दावा करता है।

अहम सवाल जिनकी जांच जरूरी


SECL की सर्विस बुक में पिता का नाम क्या दर्ज है?
नियुक्ति के समय उसने कौन-से प्रमाण पत्र दिए थे?
क्या ग्राम चैनपुर दीपिका निवासी असली समारू के परिवार में दीनदयाल नाम का कोई व्यक्ति है?
क्या यह मामला “फर्जी पूर्वज दावे” द्वारा सरकारी/PSU नौकरी हड़पने” की श्रेणी में आता है?

पुलिस व SECL प्रबंधन से कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों और पीड़िता ने मांग की है कि:

SECL प्रबंधन नियुक्ति दस्तावेज़ों की जांच करे
पिता के नाम से जुड़े सभी प्रमाण पत्र व सत्यापन रिकॉर्ड पब्लिक डोमेन में लाए जाएँ
पुलिस धारा 420, 468, 471 (फर्जी दस्तावेज़, जालसाजी) नए नियम BNS के तहत अलग FIR दर्ज करें।

निष्कर्ष

SECL कर्मचारी दीनदयाल गुप्ता के खिलाफ पहले से ही

ठगी,
नौकरी के नाम पर अवैध वसूली,
और शारीरिक शोषण की कोशिश
जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं।

अब “फर्जी पिता का नाम बताकर नौकरी लेने” का नया आरोप सामने आने से पूरा मामला और पेचीदा हो गया है। यह खुलासा न सिर्फ SECL की व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है बल्कि इस बात पर भी कि क्या PSU में अब तक नियुक्ति सत्यापन प्रक्रिया कमजोर है?


स्थानीय लोगों का आरोप — “आखिर कितने में बिके होंगे पुलिस अधिकारी-कर्मचारी?”


पीड़िता के समर्थन में आगे आए कई स्थानीय ग्रामीणों ने पूरे प्रकरण को लेकर गहरी नाराज़गी जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद दीनदयाल गुप्ता की अब तक गिरफ्तारी न होना कई सवाल खड़े करता है।

ग्रामीणों का आरोप है:

“अगर किसी गरीब का अपराध होता, तो पुलिस उसी दिन घर तोड़कर ले जाती। लेकिन SECL के कर्मचारी पर केस दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आखिर कितने में बिके होंगे पुलिस अधिकारी-कर्मचारी?”

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि:

थाना स्तर पर पीड़िता पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है
आरोपी खुलेआम घूम रहा है
और पुलिस कार्रवाई की बजाय समझौते की कोशिश में लगी दिखाई दे रही है


ग्रामीणों ने मांग की है कि पूरे मामले की जांच जिला स्तर या रेंज स्तर की विशेष टीम से कराई जाए, ताकि “पुलिस-प्रभाव” की संभावना समाप्त हो और पीड़िता को निष्पक्ष न्याय मिल सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button