छत्तीसगढ़

डॉ. योगेश कुमार सोनकर को “डॉक्टर ऑफ कृषि बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन” में मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित

रायपुर/किर्गिस्तान की ओश स्टेट यूनिवर्सिटी ने डॉ. योगेश कुमार सोनकर को कृषि-व्यवसाय और खेती के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए “डॉक्टर ऑफ कृषि बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन” में मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार उन्हें उनके समर्पण, संघर्ष और कृषि व्यवसाय के क्षेत्र में किए गए अत्यधिक मूल्यवान कार्यों के लिए प्रदान किया गया।

डॉ. सोनकर, जो छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम मेडेसरा के निवासी हैं, ने अपनी शिक्षा और कौशल का उपयोग भारत की कृषि और कृषि भूमि के सुधार के लिए किया। उन्होंने जैविक खेती के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए हैं, जिससे किसानों को नई तकनीकों और आधुनिक कृषि व्यवसाय से जोड़ने में सहायता मिली है।

उन्होंने उच्च पदों की नौकरी को ठुकराकर खेती और किसानों की सेवा को अपनी प्राथमिकता बनाया। उनके इस प्रयास ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद की और जैविक खेती के महत्व को बढ़ावा दिया। उनके नेतृत्व में आईजीकेवी-रबी (IGKV-RABI) के माध्यम से 20 से अधिक नवीन कृषि एवं बीज उत्पादों की जानकारी प्रदान की गई है।

डॉ. सोनकर के प्रयासों से भारत सरकार ने कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत 12 लाख रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की है। इसके अलावा, उन्होंने भारत की 9 बड़ी कंपनियों को जैविक कृषि उत्पादों की पूर्ति करने में मदद की और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसान उत्पादक कंपनियों (FPC) के माध्यम से उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया।

उनकी उपलब्धियों में एएसोचैम (ASSOCHAM) द्वारा “उत्कृष्ट स्टार्टअप अवार्ड” और आईआईआईटी, नया रायपुर में “उत्कृष्ट स्टार्टअप अवार्ड” में प्रथम पुरस्कार शामिल हैं। इसके अलावा, उनके प्रयासों ने छत्तीसगढ़ एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में 1500 लाख रुपये (2024 से 2025) का योगदान दिया है।

डॉ. योगेश कुमार सोनकर का यह कार्य न केवल कृषि क्षेत्र में नई दिशा प्रदान करता है बल्कि जैविक खेती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कदम भी है। उनके प्रयासों से 10,000 से अधिक किसानों को लाभ हुआ है और 200 से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है।

उनके समर्पण और योगदान ने भारतीय कृषि को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके इस सम्मान से प्रेरित होकर, आने वाली पीढ़ियां भी जैविक खेती और कृषि व्यवसाय को अपनाकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकती हैं।

डॉ. योगेश कुमार सोनकर की सफलता में नीलम सोनकर का अहम योगदान

डॉ. योगेश कुमार सोनकर की उल्लेखनीय उपलब्धि के पीछे उनकी पत्नी नीलम योगेश सोनकर का अत्यधिक योगदान रहा है। नीलम सोनकर, जो वर्तमान में जिला कांकेर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मर्दापोटी में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं, ने पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपने पति को उनके लक्ष्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शासकीय सेवा में रहते हुए भी नीलम सोनकर ने डॉ. सोनकर को हर कदम पर सहयोग दिया और उन्हें प्रोत्साहित किया। उनके समर्थन और प्रेरणा से ही डॉ. सोनकर ने कृषि व्यवसाय और जैविक खेती के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया।

आज डॉ. योगेश कुमार सोनकर को “डॉक्टर ऑफ कृषि बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन” की मानद डॉक्टरेट उपाधि मिलने में धर्मपत्नी श्रीमती नीलम सोनकर का समर्पण और योगदान सराहनीय है। उनका यह सहयोग एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि सशक्त परिवार ही सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण करते हैं।

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