हर्बल लाइफ मार्केटिंग में जुड़ने के बाद शिक्षक ने दिया इस्तीफा, शिक्षा विभाग को कहा ‘चिड़ियाघर’
सारंगढ़/छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला क्षेत्र में हर्बल लाइफ मार्केटिंग ने कई शिक्षकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। हाल ही में सरकारी स्कूल के शिक्षक रघुराम पैकरा ने अपने पद से इस्तीफा देकर इस व्यवसाय में कदम रखा है। रघुराम पैकरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैगिनडीह में पदस्थ थे। उन्होंने अपने इस्तीफे में शिक्षा विभाग पर तीखा प्रहार करते हुए इसे ‘चिड़ियाघर’ से तुलना की और कहा कि वे खुद को इस व्यवस्था से ‘आजाद’ करना चाहते हैं।
इसके पहले भी बरमकेला क्षेत्र के शशि कुमार बैरागी ने शिक्षक पद से इस्तीफा देकर हर्बल लाइफ मार्केटिंग जॉइन की थी। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में ऐसे और भी शिक्षक हैं जो ऑनलाइन मार्केटिंग में अपना करियर बना रहे हैं।
शिक्षकों द्वारा उठाए गए इस कदम ने शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है। आर्थिक तंगी और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए इन शिक्षकों ने मार्केटिंग को अधिक फायदे का सौदा बताया है। हालांकि, यह कदम चर्चा और विवाद का विषय बन गया है।
विभागीय नीतियों और व्यवस्था को लेकर शिक्षकों की नाराजगी का असर अब छात्रों के भविष्य पर पड़ सकता है। शिक्षा विभाग की नाकामी पर सवाल उठाते हुए कई लोग यह पूछ रहे हैं कि अगर शिक्षक ही शिक्षा व्यवस्था छोड़ देंगे, तो बच्चों की शिक्षा और भविष्य की जिम्मेदारी कौन लेगा?
बरमकेला क्षेत्र में हर्बल लाइफ जैसी ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियों की बढ़ती लोकप्रियता ने शिक्षकों के लिए नए अवसर खोले हैं, लेकिन यह बच्चों की शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल भी खड़े कर रही है। इस घटनाक्रम ने विभागीय नीतियों की समीक्षा की आवश्यकता को भी उजागर किया है।