मनपसंद ऐप: छत्तीसगढ़ सरकार का शराब प्रेमियों को बड़ा तोहफा या जनता के साथ खिलवाड़?
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में लॉन्च किए गए ‘मनपसंद’ ऐप ने राज्य में खलबली मचा दी है। यह ऐप शराब प्रेमियों को उनकी पसंदीदा ब्रांड की शराब आसानी से ढूंढने और खरीदने में मदद करता है। सरकार का दावा है कि इस ऐप से शराब की दुकानों पर लगने वाली लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा।
आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा शराब पीने वाले राज्यों में से एक है। राज्य की करीब 3 करोड़ की आबादी में से 35.6% लोग शराब का सेवन करते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया यह कदम कई सवाल खड़े करता है।
चुनाव से पहले भाजपा ने शराबबंदी का बड़ा वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टी ने एक के बाद एक ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे लगता है कि वह शराब की बिक्री को बढ़ावा दे रही है। मनपसंद ऐप इसी का एक उदाहरण है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार शराब माफियाओं को खुश करने के लिए यह सब कर रही है। उनका कहना है कि इस ऐप से शराब की लत लगने वाले लोगों की संख्या में इजाफा होगा और इससे समाज पर बुरा असर पड़ेगा।
किशोर कुमार पटेल उपाध्यक्ष जनपद पंचायत बरमकेला ने मनपसंद ऐप को निंदनीय पहल बताया है। उनका मानना है कि सरकार को लोगों के स्वास्थ्य के बारे में सोचना चाहिए, न कि शराब माफियाओं के मुनाफे के बारे में।
सरकार बजट जुटाने के लिए जिन महिलाओं को महतारी वंदन दे रही है उन्हीं के परिवार से शराब बेचकर उनके परिवार को बर्बाद करके उन्हीं से राशि वसूल कर वही गरीब परिवार की महिलाओं को एवं किसान परिवार के महिलाओं को महतारी वंदन देने की योजना बना रही है