सारंगढ़ बिलाईगढ़

भाजपा-कांग्रेस में टकराव: पूर्व सांसद पीआर खुटे की टिपण्णी पर बढ़ी राजनीतिक हलचल*

छत्तीसगढ़ की राजनीति में हाल ही में बलौदाबाज़ार ज़िला कार्यालय आगजनी मामले में गिरफ़्तार कांग्रेस के भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की रिहाई के लिए आयोजित ज़िला स्तरीय धरना प्रदर्शन के दौरान विलोपित सारंगढ़ संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद पीआर खुटे के बयान ने प्रदेश भर में हलचल मचा दी है। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, लेकिन पीआर खुटे की एक टिपण्णी ने पूरे प्रदेश में राजनीतिक भूचाल ला दिया।

धरना स्थल के मंच से बोलते हुए, पूर्व सांसद पीआर खुटे ने देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ प्रवास पर तीखा तंज कसा और उन्हें “कुकुर-बिलई की तरह घूमने” की उपमा दी। इस टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा ने इसे न केवल गृह मंत्री के प्रति असम्मानजनक करार दिया है, बल्कि इसे प्रदेश की राजनीति में बढ़ते विभाजन का प्रतीक बताया है।

पीआर खुटे का यह बयान छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ इलाके में विशेष रूप से चर्चित हो गया है। यह इलाका पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा था, और इस टिप्पणी ने इस उथल-पुथल को और बढ़ा दिया है। भाजपा नेताओं ने इस टिप्पणी को गंभीरता से लिया है और इसे व्यक्तिगत हमला बताया है। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने इसे राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ बताते हुए खुटे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

वहीं, कांग्रेस नेताओं का मानना है कि पीआर खुटे की टिप्पणी सिर्फ़ भाजपा के नेताओं की गतिविधियों पर सवाल उठाने का एक तरीका था। वे इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताते हैं और इसे भाजपा की केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध का एक हिस्सा मानते हैं। कांग्रेस के कई नेता इस टिप्पणी का बचाव कर रहे हैं, यह बताते हुए कि भाजपा नेताओं द्वारा भी कई बार कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं।

छत्तीसगढ़ में आगामी चुनावों के मद्देनज़र इस घटना ने दोनों पार्टियों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। भाजपा इसे मुद्दा बनाकर कांग्रेस को घेरने की तैयारी कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे जनसंवेदनाओं से जोड़कर भाजपा पर पलटवार करने की रणनीति बना रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार की टिप्पणियां और उसके बाद की प्रतिक्रियाएं प्रदेश में चुनावी माहौल को और गर्म कर देंगी। आने वाले दिनों में इस विवाद का असर राजनीतिक मंचों पर देखा जा सकता है, जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर तीखे हमले करेंगी।

कुल मिलाकर, पूर्व सांसद पीआर खुटे की यह टिप्पणी छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नए विवाद का कारण बन गई है। इस विवाद ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि प्रदेश की राजनीति में व्यक्तिगत टिप्पणियां किस तरह से बड़े राजनीतिक खेल का हिस्सा बन सकती हैं।

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