पंचायत चुनाव के बाद भी नहीं मिला 15वें वित्त का पैसा, विकास कार्य ठप — सरपंच और ग्रामीण परेशान

छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव संपन्न हुए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से पंचायतों को 15वें वित्त आयोग की राशि जारी नहीं की गई है। इस कारण गांवों में मूलभूत विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। नए निर्वाचित सरपंच जहां गांव के विकास को लेकर उत्साहित थे, वहीं अब वे निधि के अभाव में हताश और परेशान नजर आ रहे हैं।
ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना की रखरखाव, सड़कों की मरम्मत, स्ट्रीट लाइट मरम्मत, गांव एंव तालाब साफ-सफाई, आंगनबाड़ी भवन मरम्मत, नाली साफ सफाई जैसे जरूरी कार्य ठप पड़े हुए हैं। ग्रामीणों को बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई गांवों में हैंडपंप खराब पड़े हैं, लेकिन मरम्मत के लिए पंचायतों के पास राशि नहीं है। वहीं कुछ जगहों पर सड़कें और नालियां जर्जर हो चुकी हैं, जिससे बरसात में लोगों को भारी कठिनाई हुई।
सरपंच और सचिवों का कहना है कि शासन की ओर से अभी तक वित्तीय राशि (जिसे पंचायत अपने स्तर पर ख़र्च करती है )नहीं आने के कारण किसी भी विकास कार्य को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। नई पंचायतों के गठन के बाद गांवों की उम्मीद थी कि अब तेजी से विकास कार्य शुरू होंगे, लेकिन बजट के अभाव में सारे कार्य रुके हुए हैं। छूने हुए प्रतिनिधियों को गांव वालों की भी बातें सहनी पड़ रही है ।तथा बहुत राशि उधारी लेकर अन्ना पड़ रहा है
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द पंचायतों को 15वें वित्त की बकाया राशि जारी की जाए, ताकि गांवों में बुनियादी सुविधाओं का कार्य फिर से प्रारंभ हो सके। उनका कहना है कि पंचायत स्तर पर ही ग्रामीण विकास की नींव मजबूत होती है, लेकिन यदि वित्तीय अड़चनें बनी रहीं, तो गांवों का विकास अधूरा रह जाएगा।
ग्रामीणों का भी कहना है कि चुनाव के बाद शासन की नजर अब गांवों से हट चुकी है। यदि समय रहते राशि नहीं दी गई, तो गांवों की दशा और भी खराब हो सकती है। पंचायत प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।
बाइट 01 तिलक नायक महाजन बोबा अध्यक्ष सरपंच संघ बरमकेला


