पहलगाम हमले के मृतकों को शहीद का दर्जा देने की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, कहा- यह सरकार का अधिकार क्षेत्र
चंडीगढ़, 21 मई: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट की बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल शामिल थे, ने स्पष्ट किया कि शहीद का दर्जा देना अदालत का कार्य नहीं बल्कि सरकार का विशेषाधिकार है।
याचिका में यह मांग की गई थी कि 22 अप्रैल को हुए हमले में मारे गए निर्दोष लोगों, जिनमें करनाल के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल थे, को शहीद का दर्जा दिया जाए। याचिकाकर्ता एडवोकेट आयुष आहूजा ने दलील दी कि इन सभी को आतंकियों ने धर्म के आधार पर सिर में गोली मारकर बेरहमी से मारा, ऐसे में इनका सम्मान भी एक सैनिक की तरह होना चाहिए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि क्या अनुच्छेद 226 के अंतर्गत किसी व्यक्ति को शहीद घोषित किया जा सकता है और अगर हां, तो कोई कानूनी उदाहरण प्रस्तुत करें। कोर्ट ने कहा कि नई नीतियां बनाना या शहीद का दर्जा देना सरकार का अधिकार क्षेत्र है, न्यायपालिका का नहीं।
हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुझाव दिया कि वह अपनी मांग संबंधित सरकारी अधिकारी या प्राधिकरण को लिखित में दें। इसके बाद 30 दिन के भीतर संबंधित अधिकारी को उस पर विचार करना होगा।