सदगुरु कबीर धर्मदास वंशावली मिशन की बैठक सारंगढ़ में संपन्न – नवउदित यात्रा को लेकर बनी रणनीति

सारंगढ़।
सदगुरु कबीर धर्मदास वंशावली मिशन की जिला स्तरीय महत्वपूर्ण बैठक सारंगढ़ जिले के केशरवानी भवन में आयोजित की गई। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के डी वी मिशन मुख्य प्रतिनिधि महंत आरती दास के निर्देशानुसार जिले के तीनों ब्लॉक—बरमकेला, सारंगढ़ एवं बिलाईगढ़—से मिशन के पदाधिकारी, सदस्यगण एवं सैकड़ों की संख्या में कबीरपंथी उपस्थित हुए।

बैठक का उद्देश्य मिशन की आगामी नवउदित यात्रा को लेकर रणनीति बनाना और उसके प्रचार-प्रसार को गति देना रहा। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी प्रतिनिधि पहुंचे। इस अवसर पर धमतरी से महंत त्रिलोकी दास , महंत डोमन तथा झारखंड से नेहा महंत ने विशेष रूप से सहभागिता दी। मिशन के जिला प्रतिनिधि इंदुभूषण दास ने जानकारी दी कि नवउदित यात्रा जल्द ही सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में आरंभ होगी। इसके माध्यम से समाज के लोगों को सदगुरु कबीर के विचारों से जोड़ने और उनके संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

महंत त्रिलोकी दास ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “जीव दया और आतम पूजा सदगुरु भक्ति और नही दूजा के मूल संदेश को लेकर सदगुरु कबीर धर्मदास वंशावली मिशन का उद्देश्य है समाज के सभी वर्गों को जोड़कर भटके हुए लोगों को सतमार्ग की ओर लाना। यह मिशन केवल एक धार्मिक आंदोलन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और आत्मबोध का अभियान है।”

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि पंथ श्री प्रकाश मुनि साहब द्वारा स्थापित इस मिशन को अब उनके नवउदित वनशाचार्य हुजूर उदितमुनि नाम साहेब पूरे भारतवर्ष में सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं। वे गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में सदगुरु कबीर धर्मदास वंशावली मिशन के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं और अब छत्तीसगढ़ में इसकी व्यापक यात्रा शुरू होने जा रही है।
बैठक में ग्रामीण अंचलों से आए लोगों, मिशन के सभी स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपील की गई कि वे अधिक से अधिक संख्या में नवोउदित यात्रा में भाग लेकर इसे सफल बनाएं। विशेष रूप से अमीन माता को इस मिशन में जोड़ने और ग्रामीण क्षेत्रों में मिशन को सशक्त रूप से स्थापित करने की योजना पर बल दिया गया।

के डी वी मिशन मुख्य प्रतिनिधि महंत आरती दास ने अपने संबोधन में कहा कि मिशन की यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक गतिविधि नहीं, बल्कि एक गुरुकुल आश्रम के माध्यम से शिक्षा, संस्कार और सामाजिक समरसता को स्थापित करने का अभियान है। आने वाली पीढ़ियों को सदगुरु के सिद्धांतों पर आधारित जीवन देना इस मिशन का उद्देश्य है।



