
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सरिया थाना क्षेत्र में एक धोखाधड़ी के मामले में 6 महीने से फरार चल रहे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी, नारायण सारथी, पर आरोप है कि उसने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भृत्य पद की नौकरी दिलाने के नाम पर एक महिला से 2 लाख रुपये की ठगी की थी। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की है।
#### घटना का विवरण
प्रार्थिया ने 5 मार्च 2024 को सरिया थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी नारायण सारथी ने नौकरी दिलाने के नाम पर उससे 2 लाख रुपये की ठगी की है। आरोपी, जो कि बहलीडीह, थाना बरमकेला, हाल मुकाम-साल्हेओना थाना सरिया, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ का निवासी है, ने प्रार्थिया से छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भृत्य पद की नौकरी दिलाने का झांसा देकर यह रकम प्राप्त की थी।
प्रार्थिया की शिकायत के आधार पर सरिया पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया और विवेचना शुरू की। हालांकि, प्रकरण दर्ज होते ही आरोपी फरार हो गया, जिससे पुलिस के लिए उसे पकड़ना एक चुनौती बन गया।
#### पुलिस की कार्रवाई
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा ने सभी थानों और चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया था कि ऐसे मामलों में फरार आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। इस निर्देश के तहत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश्वर चंदेल और एसडीओपी अविनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में एक टीम गठित की गई, जिसमें सरिया थाना प्रभारी उप निरीक्षक प्रमोद यादव, सहायक उप निरीक्षक कलीराम कुर्रे, प्रधान आरक्षक भुवनेश्वर पंडा, सुरेंद्र सिदार, सत्यम मंडलोई, आरक्षक प्यारे लाल साहु, अमृत केंवट, और सायबर सेल प्रभारी सहायक उप निरीक्षक रामकुमार मानिकपुरी शामिल थे।
टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपी नारायण सारथी को सारंगढ़ से गिरफ्तार किया। आरोपी को विधिवत् रूप से न्यायिक रिमांड पर लिया गया और उसे जेल भेज दिया गया।
#### टीम का योगदान
इस मामले में सरिया पुलिस की टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की। पुलिस टीम की इस सराहनीय कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि कानून से भागने की कोशिश करने वाले अपराधियों को न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना ही पड़ेगा।
सरिया पुलिस की इस कार्रवाई को आम जनता और उच्च अधिकारियों द्वारा सराहना मिल रही है, और यह घटना अन्य लोगों के लिए एक सबक बन सकती है कि धोखाधड़ी करने वाले किसी भी सूरत में कानून की पकड़ से बच नहीं सकते।


