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बोंदा ग्राम पंचायत में ग्रामीणों को तीन महीने से नहीं मिला चावल, राशन वितरण पर सवाल

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बोंदा में शासन की योजनाओं के तहत मिलने वाले राशन वितरण को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि राशन दुकान संचालक द्वारा उनका अंगूठा लगवाने के बावजूद तीन महीने से चावल का वितरण नहीं किया गया। ग्रामीणों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रशासन से त्वरित जांच और कार्यवाही की मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यह घोषणा की गई थी कि राशन कार्डधारी हितग्राहियों को तीन महीने का चावल एक साथ दिया जाएगा, ताकि खाद्यान्न की समस्या ना हो। लेकिन बोंदा ग्राम पंचायत में स्थिति उलट है। यहां ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि उनका नाम कट गया है या फिर उन्हें बार-बार आश्वासन देकर वापस लौटा दिया जाता है। इस वजह से हितग्राहियों को मजबूरी में बाजार से महंगे दामों पर चावल खरीदना पड़ रहा है।

ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि राशन दुकान संचालक ने अब तक तीन माह का चावल अपने पास रोक रखा है। जबकि मशीन में अंगूठा लगवाकर उनकी उपस्थिति दर्ज की जा चुकी है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि लाभार्थियों को ठगने का यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है और प्रशासन की आंखों के सामने हो रहा है।

ज्ञापन पर ग्रामीणों उग्रसेन, ललिता, बालराम, दिलावरी, अनिललाल, प्रकाश, कमला, अश्वनी पटेल, दुर्गेश पटेल, रमेश्वर पटेल, हेमलाल पटेल, गीता समेत दर्जनों लोगों ने हस्ताक्षर कर अपनी सहमति दी है। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे चुप नहीं बैठेंगे और यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

ग्रामीणों ने प्रशासन से यह मांग की है कि तत्काल राशन दुकान संचालक की जांच कराई जाए और तीन महीने का चावल तुरंत हितग्राहियों को उपलब्ध कराया जाए। साथ ही दोषी पाए जाने पर संचालक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियां दोबारा न हो सकें।

यह मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन शीघ्र ही उनकी समस्या का समाधान करेगा।

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