सावन के अंतिम सोमवार को यशवंत नायक ने बेल पेड़ का पौधा रोपित कर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को बढ़ावा दिया

बरमकेला/सावन मास के अंतिम सोमवार को, जब धार्मिक आस्था और पर्यावरण संरक्षण का महत्व अधिक रहता है, यशवंत नायक और उनकी पत्नी ने एक विशेष कदम उठाया। इस पवित्र दिन, उन्होंने बेल पेड़ का पौधा रोपित किया, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बेल का पेड़ हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और भगवान शिव के पूजन में इसका विशेष स्थान होता है। सावन के महीने में बेल के पेड़ का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस माह में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। यशवंत कुमार और उनकी पत्नी ने इस धार्मिक महत्व को समझते हुए बेल का पौधा रोपित करने का निर्णय लिया।
उन्होंने इस वृक्षारोपण को ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत किया। इस अभियान का उद्देश्य मातृशक्ति के सम्मान में एक पेड़ रोपित कर पर्यावरण को सुरक्षित रखना और हरियाली को बढ़ावा देना है। यशवंत कुमार का यह कदम न केवल पर्यावरण के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाता है, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देता है कि हर व्यक्ति को अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास करना चाहिए।
वृक्षारोपण के इस कार्य से यशवंत कुमार ने न केवल अपने परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह संदेश सभी को याद दिलाता है कि एक छोटा सा कदम भी बड़े बदलाव की दिशा में ले जा सकता है। सावन के इस पवित्र माह में किया गया यह कार्य भविष्य के लिए एक अमूल्य धरोहर के रूप में रहेगा।