ग्राम पंचायत पंचधार में सचिव एकादशीया बैरागी को हटाने की मांग: जन समस्या निवारण शिविर में सरपंच की गुहार

सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक अंतर्गत सबसे चर्चित ग्राम पंचायत पंचधार में विकास कार्यों की धीमी गति और सचिव की अनियमितताओं को लेकर ग्रामवासियों में भारी आक्रोश है। सचिव एकादशीया बैरागी को हटाने के लिए ग्रामवासियों और सरपंच ने कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायतें दीं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अब, जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में सरपंच और पंचों ने कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर सचिव को हटाने की गुहार लगाई है।
सचिव एकादशीया बैरागी के खिलाफ आरोप
सचिव एकादशीया बैरागी को ग्राम पंचायत पंचधार में चार साल पहले पदस्थ किया गया था। ग्रामीणों का आरोप है कि इन चार वर्षों में विकास कार्यों को लेकर कोई भी महत्वपूर्ण पहल नहीं की गई। सचिव पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। उनके खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने पंचायत के धन का दुरुपयोग किया और आवश्यक विकास कार्यों को नजरअंदाज किया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी का रवैया
ग्रामीणों और सरपंच ने कई बार जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित शिकायतें दीं, लेकिन इन शिकायतों का कोई निराकरण नहीं हुआ। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और उनका विश्वास प्रशासन से उठ गया है।
जन समस्या निवारण शिविर में शिकायत
इस मामले को लेकर सरपंच और पंचों ने जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर, जो कि डोगरीपाली में आयोजित किया गया था, में कलेक्टर सारंगढ़ बिलाईगढ़ को लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत में उन्होंने सचिव को हटाने और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का आक्रोश
ग्राम पंचायत पंचधार के ग्रामीणों का कहना है कि सचिव की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के कारण पंचायत के विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार सचिव को हटाने की मांग की, लेकिन प्रशासन ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया।
प्रशासन की भूमिका
अब सवाल यह है कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। कलेक्टर सारंगढ़ बिलाईगढ़ को दी गई लिखित शिकायत पर क्या कार्रवाई होती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन की राह भी अपना सकते हैं।
निष्कर्ष
ग्राम पंचायत पंचधार में सचिव एकादशीया बैरागी को हटाने की मांग ग्रामीणों का आक्रोश और प्रशासन की उदासीनता को दर्शाती है। जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में दी गई शिकायत के बाद, अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी जल्दी और कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है।
ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने अधिकारों और पंचायत के विकास के लिए संघर्ष करते रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें किसी भी हद तक क्यों न जाना पड़े। अब यह प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी तरीके से करता है।


