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सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, शासन के आदेश की प्रतियां जलाईं

सारंगढ़-बिलाईगढ़: प्रदेश भर के ग्राम पंचायतों में कार्यरत सचिवों ने शासकीयकरण की मांग को लेकर 17 मार्च 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल के कारण पंचायतों का कार्य प्रभावित हो रहा है, जिससे शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा आ रही है। इसी बीच, पंचायत संचालनालय छत्तीसगढ़ द्वारा एक निर्देश जारी किया गया, जिसमें सचिवों को 24 घंटे के भीतर हड़ताल समाप्त कर कार्य पर लौटने का आदेश दिया गया।

हालांकि, बरमकेला सचिव संघ ने इस आदेश का कड़ा विरोध किया और इसे डराने की कोशिश करार दिया। विरोध स्वरूप, बरमकेला जनपद पंचायत के सामने धरना स्थल पर पंचायत संचालनालय के आदेश की प्रतियां जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। सचिव संघ बरमकेला  ने स्पष्ट किया कि उनकी केवल एक ही मांग है – ग्राम पंचायत सचिवों का शासकीयकरण। उन्होंने मोदी की गारंटी में चुनावी घोषणा पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उसमें सचिवों के शासकीयकरण का वादा किया गया था।

अध्यक्ष ने कहा,की पूर्व में विधानसभा चुनाव में विजय शर्मा के द्वारा शासकीय कारण को लेकर आश्वासन दिया गया था लेकिन विधानसभा में जीतने के बाद विजय शर्मा उपमुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री होने के बाद भी हम लोगों का शासकीय कारण नहीं करना यह एक बड़ा सवाल हम तुमसे पूछना चाहते हैं कि अभी आपकी सरकार है तो शासकीय कारण कब होगा। सरकार हमें धमकाने का प्रयास कर रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती, हम हड़ताल जारी रखेंगे और जरूरत पड़ी तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा।”

पंचायत संचालनालय का आदेश और हड़ताली सचिवों की प्रतिक्रिया

पंचायत संचालनालय छत्तीसगढ़ के आदेश में स्पष्ट किया गया कि सचिवों की हड़ताल के कारण ग्राम पंचायतों के कार्य बाधित हो रहे हैं। हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन में रुकावट आने के कारण आम जनता प्रभावित हो रही है। आदेश में निर्देश दिया गया कि सभी सचिव 24 घंटे के भीतर हड़ताल समाप्त कर कार्य पर लौटें, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।



हालांकि, बरमकेला सचिव संघ ने इस आदेश को अनदेखा करते हुए हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे। सचिवों का यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, और अब देखना होगा कि सरकार इस मामले को कैसे सुलझाती है।

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