
सारगढ़ /भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष कैलाश पंडा के आगामी चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने की संभावनाएं चर्चा में हैं। सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का उन्हें समर्थन प्राप्त हो रहा है, जो उनके राजनीतिक कदम को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
कैलाश पंडा ने भाजपा के विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण का प्रदर्शन किया है। कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने कई आंदोलनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, जिससे जनता में उनकी एक सशक्त छवि बनी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में, पंडा ने हर क्षेत्र में समर्पण भाव से कार्य किया, जिसके परिणामस्वरूप विधानसभा चुनावों में पार्टी को प्रचंड जीत मिली। यह उनकी मेहनत का प्रतिफल माना जाता है।

पूर्व में, कैलाश पंडा जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भी प्रत्याशी रह चुके हैं, जहां उन्होंने जनता के बीच अपनी पहचान बनाई। हालांकि, इस बार जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 2 से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर कार्यकर्ताओं और जनता में नाराजगी देखी जा रही है। उनके समर्थक और क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि वह पुनः चुनावी मैदान में उतरें।

क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता और कार्यों की प्रशंसा करते हुए, लोगों का मानना है कि कैलाश पंडा की एक अलग पहचान है। उनकी सादगी, समर्पण और जनता के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है। ऐसे में, यदि वह निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लेते हैं, तो यह क्षेत्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

हालांकि, अभी तक कैलाश पंडा की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन, समर्थकों और क्षेत्रवासियों की अपेक्षाओं को देखते हुए, उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। आगामी दिनों में उनकी रणनीति और निर्णय पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।