जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान संगोष्ठी का आयोजन
बरमकेला: शिवशक्ति एग्रीटेक लिमिटेड द्वारा किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। संस्था ने हाल ही में डभरा क्षेत्र में एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी में संस्था के कृषि अधिकारी आदित्य देहरी ने किसानों को रासायनिक खादों के हानिकारक प्रभावों और जैविक खेती के फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
देहरी ने किसानों को बताया कि रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम होती है, पानी प्रदूषित होता है और फसलों में रसायनों की मात्रा बढ़ जाती है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने किसानों को जैविक खेती के माध्यम से स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया। जैविक खेती में रासायनिक खादों के स्थान पर जैविक खादों का उपयोग किया जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, पानी साफ रहता है और फसलों में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
संगोष्ठी में उपस्थित किसानों ने जैविक खेती के बारे में उत्सुकता दिखाई और देहरी के द्वारा दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक सुना। किसानों ने जैविक खेती को अपनाने के लिए उत्साह व्यक्त किया और संस्था के द्वारा प्रदान की जा रही सहायता के लिए आभार व्यक्त किया।
संगोष्ठी में संतोष जांगड़े, दिलीप, संकेत, भीखम, संतलाल, संजय सहित कई अन्य किसान उपस्थित रहे। सभी किसानों ने इस संगोष्ठी को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
जैविक खेती के फायदे
* मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि: जैविक खादों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ता है।
* पानी का प्रदूषण कम: जैविक खेती में रासायनिक खादों का उपयोग नहीं किया जाता है, जिससे पानी का प्रदूषण कम होता है।
* स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य उत्पादन: जैविक खेती से उत्पादित खाद्य पदार्थ स्वस्थ और सुरक्षित होते हैं क्योंकि इनमें रसायनों की मात्रा कम होती है।
* आर्थिक लाभ: जैविक खेती से किसानों को आर्थिक लाभ होता है क्योंकि जैविक उत्पादों की मांग बाजार में अधिक होती है और इनका मूल्य भी अधिक होता है।
* पर्यावरण संरक्षण: जैविक खेती पर्यावरण के लिए सुरक्षित होती है क्योंकि इसमें रासायनिक पदार्थों का उपयोग नहीं किया जाता है।