
सारंगढ़ बिलाईगढ़/ 18 दिसंबर को गुरू घासीदास जयंती के अवसर पर सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले सहित संपूर्ण छत्तीसगढ़ गुरु घासीदास जी की भक्ति भावना से भरा होगा। सारंगढ़ के पुष्प वाटिका में पिछले 2 दिनों से बाबा के भक्तिमय गानों और नृत्य से अंचल के सतनामी समाज उत्सव मना रहे हैं। जनश्रुति के अनुसार बाबा गुरु घासीदास जी को जगन्नाथ पुरी यात्रा के समय सारंगढ़ अंचल में ही ज्ञान की अनुभूति हुई जिसके बाद वे गिरौदपुरी लौट कर तप करने लगे। छत्तीसगढ़ में ‘सतनाम पंथ’ की स्थापना हुई। इस पंथ के लोग बाबा को अवतारी पुरुष मानते हैं। इसलिए सतनाम पंथ का संस्थापक भी गुरु घासीदास को ही माना जाता है।