सारंगढ़ बिलाईगढ़

सरकारी भूमि पर अवैध उत्खनन भू माफिया के हौसले बुलंद गुड़ेली और टिमरलगा

दोनो गांव मे खदानो को लेकर सोशल आडिट जरूरी,
सरकारी भूमि पर अवैध उत्खनन की कई शिकायत?
नये जिले मे खनिज विभाग के संरक्षण में चल रहा है अवैध खनन?
कार्यवाही के अभाव में अवैध उत्खनन करने वालो के बल्ले-बल्ले

सारंगढ़
सारंगढ़ अंचल मे प्रसिद्ध गौण खनिज ग्राम गुड़ेली और टिमरलगा मे खनिज विभाग के संरक्षण में अवैध उत्खनन के मामले मे काफी तेजी आई है। यहा पर सरकारी भूमि पर अवैध उत्खनन तथा निजी भूमि पर बिना खनन पट्टा लिये बिना ही अवैध उत्खनन का बड़े पैमाने पर व्यवसाय जारी है। विशेष बात यह है कि नया जिला बना सारंगढ़ में खनिज विभाग ही अवैध उत्खनन पर कोई कार्यवाही नही करते हुए इसको अघोषित रूप से संरक्षण प्रदान कर रहा है। ऐसे मे गुड़ेली और टिमरलगा में सरकारी भूमि पर अवैध खदान बनाकर लाखो-करोड़ो रूपये का अवैध व्यवसाय करने वाले का दोनो हाथ लाल हो गये है।
गुड़ेली और टिमरलगा मे अवैध उत्खनन कोई नई बात नही है किन्तु इस अवैध उत्खनन को रोकने के लिसे सरकारी भूमि तथा बिना खनन पट्टा की भूमि जिस पर अवैध उत्खनन हो रहा है उसकी पहचान होना जरूरी है। किन्तु राजस्व विभाग के पटवारी और आरआई तथा खनिज विभाग के अधिकारियो के उदासीनता के कारण से खनन माफिया लाल हो गये है। सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुड़ेली और टिमरलगा मे सरकारी भूमि पर अवैध उत्खनन की दर्जनो शिकायत सामने आ रही है किन्तु इन शिकायतो पर कार्यवाही के स्थान पर खनिज विभाग और राजस्व विभाग के नुमांईदे अवैध माफियाओ को सर्तक होने का संदेश देकर अपना कर्तव्य की इतिश्री कर लेते है। बताया जा रहा है कि गुड़ेली और टिमरलगा से जाने वाली लातनाला के किनारे स्थित सरकारी भूमियो को अवैध खनन करने वाले माफिया ग्रुप इस गांव में सक्रिय है। खनिज विभाग निजी भूमि पर भी खनन पट्टा लेने वालो को खनन करने का आदेश देती है किन्तु सरकारी भूमि पर अवैध उत्खनन करने वालो मे गुड़ेली-टिमरलगा क्षेत्र के ही लगभग आधा दर्जन कुख्यात खनन माफिया वाले चेहरे है। बताया जा रहा है कि इन दोनो गांव के साथ साथ आसपास के आश्रित छोटे-मोट गांवो में भी अवैध उत्खनन के ढ़ेरो शिकायते है किन्तु खनिज विभाग के अधिकारी इस अवैध उत्खनन पर रहस्यमय चुप्पी साधे हुए है। नया जिला बना सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे अवैध उत्खनन के मामलो पर खनिज विभाग की कार्यवाही चुनाव के बाद भी नही दिखी और ना ही इस संबंध में खनिज विभाग की छापामार कार्यवाही दिख रही है। गुड़ेली और टिमरलगा मे सरकारी भूमि पर अवैध उत्खनन और निजी भूमि पर बिना खनन पट्टा के अवैध उत्खनन को रोकने मे खनिज विभाग और राजस्व विभाग पूर्ण रूप से असफल दिख रहे है।

दोनो गांव मे खदानो को लेकर सोशल आडिट जरूरी,
गुड़ेली और टिमरलगा में अवैध खदान को लेकर सोशल आड़िट की आवश्यकता महसूस किया जा रहा है। यहा पर स्वीकृत खदानो मे भी स्वीकृति संबंधी कोई सूचना बोर्ड नही लगाया गया है। जिसके कारण से प्रारंभिक तौर पर स्वीकृत खदान और सरकारी भूमि या अवैध खदानो की स्थिति का पता नही चल रहा है। बताया जा रहा है कि गुड़ेली और टिमरलगा मे सोशल आड़िट और ग्रामसभा के जरिये गांव के सीमा मे स्वीकृत खदानो और सरकारी भूमि पर चिन्हाकित करने से यह बात प्रारंभिक रूप से ही ज्ञात हो जायेगा कि कौन-कौन से भूमि सरकारी है और किस-किस खदान को स्वीकृति मिली हुई है। इस सोशल आड़िट से अवैध उत्खनन पर कार्यवाही करने मे खनिज विभाग को काफी सहायता प्राप्त हो सकती है।
सरकारी भूमि को खोद डाला खनन माफियाओ नें?
गुड़ेली और टिमरलगा में सरकारी भूमि को खोदकर उसमे से पत्थर को निकाल लिया गया है। सरकारी भूमि पर अवैध रूप से खदान का निमार्ण करने वालो मे आधा दर्जन से अधिक सफेदपोश चेहरे है जो कि गुड़ेली और टिमरलगा मे अवैध खनन का टीम बनाकर कार्य कर रहे है। यहा पर सरकारी भूमि मे विशेषकर लातनाला के पार मुख्यरूप से आता है। टिमरलगा मे महानदी से जाकर मिलने वाली लातनाला के दोनो छोर पर काफी मात्रा मे अवैध उत्खनन हो रहा है। लातनाला मे बकायदा कच्ची पुलिया बनाकर पूर्व मे अवैध उत्खनन किया जा रहा था। वही पूरे मामले मे कार्यवाही नही होने से कई सवाल खड़े हो रहे है।

नये जिला का खनिज विभाग की उदासीनता?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे लगभग 6 माह से खनिज विभाग की स्थापना हो गई है तथा माईनिंग अधिकारी के रूप मे हीरादास भाराद्धाज की पदस्थाना कर दिया गया है किन्तु अभी भी खनिज विभाग क्रेशर माफिया और खदान माफिया के अनुसार ही चल रहे है। सरकारी भूमि पर अवैध उत्खनन और बिना खनन पट्टा के खदान का संचालन करने वालो के खिलाफ खनिज विभाग कोई कार्यवाही नही कर रहा है। इस कारण से सारंगढ़ अंचल में अवैध खनन करने वालो के हौंसले बुलंद है।

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